Tuesday, May 12, 2020
Sunday, May 10, 2020
RamCharit Manas, Bal Kand 2, Part-2
Here is the Second Video in the series.
Bal Kand
https://www.youtube.com/watch?v=i-ykR2pmcJ8
Bal Kand
https://www.youtube.com/watch?v=i-ykR2pmcJ8
नाम प्रसाद संभु अबिनासी। साजु अमंगल मंगल रासी ॥
सुक सनकादि सिद्ध मुनि जोगी। नाम प्रसाद ब्रह्मसुख भोगी ॥
नारद जानेउ नाम प्रतापू। जग प्रिय हरि हरि हर प्रिय आपू ॥
नामु जपत प्रभु कीन्ह प्रसादू। भगत सिरोमनि भे प्रहलादू ॥
ध्रुवँ सगलानि जपेउ हरि नाऊँ। पायउ अचल अनूपम ठाऊँ ॥
सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपने बस करि राखे रामू ॥
अपतु अजामिलु गजु गनिकाऊ। भए मुकुत हरि नाम प्रभाऊ ॥
कहौं कहाँलगि नाम बड़ाई। रामु न सकहिं नाम गुन गाई ॥
दो. नामु राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु।
जो सुमिरत भयो भाँग तें तुलसी तुलसीदासु ॥ २६ ॥
चहुँ जुग तीनि काल तिहुँ लोका। भए नाम जपि जीव बिसोका ॥
बेद पुरान संत मत एहू। सकल सुकृत फल राम सनेहू ॥
ध्यानु प्रथम जुग मखबिधि दूजें। द्वापर परितोषत प्रभु पूजें ॥
कलि केवल मल मूल मलीना। पाप पयोनिधि जन जन मीना ॥
नाम कामतरु काल कराला। सुमिरत समन सकल जग जाला ॥
राम नाम कलि अभिमत दाता। हित परलोक लोक पितु माता ॥
नहिं कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू ॥
कालनेमि कलि कपट निधानू। नाम सुमति समरथ हनुमानू ॥
दो. राम नाम नरकेसरी कनककसिपु कलिकाल।
जापक जन प्रहलाद जिमि पालिहि दलि सुरसाल ॥ २७ ॥
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